फिर उसने खड़े होकर अपनी दोनों बाहें उसके लिए फैला दी! रीमा की छोटी सी काया धीरे-धीरे फिर उसने खड़े होकर अपनी दोनों बाहें उसके लिए फैला दी! रीमा की छोटी सी काया धीरे-...
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वहीं तोड़े और अपने घर के तरफ लौट आए। वहीं तोड़े और अपने घर के तरफ लौट आए।
हम सब सपने देखते हैं - आज़ादी के, एक खुशहाल जीवन के, प्रेम के, आकाश को छूने के। ऐसे ही ग़ुलामी की ज़ंजी... हम सब सपने देखते हैं - आज़ादी के, एक खुशहाल जीवन के, प्रेम के, आकाश को छूने के। ऐ...
यदि मैं किसी के अत्याचार में, मार दी जाती हूँ तब अवश्य ही मीडिया जागेगा, यदि मैं किसी के अत्याचार में, मार दी जाती हूँ तब अवश्य ही मीडिया जागेगा,
सिर्फ शाब्दिक त्रुटियां हों तो उन्हें सुधारा जा सकता है सिर्फ शाब्दिक त्रुटियां हों तो उन्हें सुधारा जा सकता है